जैन समाज में भारी रोष,भगवान महावीर की मूर्ति शीघ्र तलाशी जाये – आचार्य लोकेश
आचार्य लोकेश एवं जैन समाज ने केंद्रीय गृह मंत्री एवं बिहार के मुख्य मंत्री से मांग की
नई दिल्ली, 30 नवम्बर 2015 : भगवान महावीर की जन्म भूमि लच्छवाड के क्षत्रियकुंड तीर्थ से महावीर स्वामी की मूल प्रतिमा चोरी होने से जैन समाज में भारी रोष व्याप्त है। प्रख्यात जैन आचार्य डा. लोकेश मुनि के सान्निध्य में समस्त जैन समाज के प्रतिनिधियों की एक बैठक आचार्य लोकेश आश्रम करोल बाग में आयोजित हुई| जैन समाज ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह एवं बिहार के मुख्यमंत्री श्री नितीश कुमार से आग्रह किया है कि इस दुर्लभ एवं अत्यंत महत्वपूर्ण प्रतिमा को तत्काल तलाशने व दोषी लोगों को पकड़ने के लिए कार्यवाही के निर्देश जारी करें ।
आचार्य लोकेश ने कहा कि यह मूर्ति भगवान महावीर की सबसे प्रथम मूर्ति मानी जाती है। मान्यता है की यह प्रतिमा भगवान महावीर के भाई नंदीवर्धन ने महावीर के जीवित काल में ही स्थापित करवाई थी इसी कारण इस मूर्तिं का बहुत ज्यादा महत्व है। कालखंड के हिसाब से अतिप्राचीन एवं धार्मिक रूप से अतिमहत्वपूर्ण इस प्रतिमा के चोरों को पकड़ा जाये एवं इस प्रतिमा को तुरंत जैन समाज को सौंपा जाए|
ज्ञात हो कि बिहार के लच्छवाड़ में स्थित भगवन महावीर स्वामी के जन्मस्थल क्षत्रियकुण्ड में बने 2600 साल पुराने ऐतिहासिक मंदिर से महावीर स्वामी की मूर्ति गुरुवार की रात को चोरी हो गयी है।
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