पीएनबी में हिंदी दिवस पर राजभाषा समारोह एवं कवि सम्मे लन का आयोजन

पंजाब नैशनल बैंक द्वारा दिनांक 14 सितम्बर, 2017 को बैंक के केन्द्रीय स्टाफ कॉलेज, दिल्ली के सभागार में राजभाषा समारोह आयोजित किया गया। इस समारोह की अध्यक्षता बैंक के कार्यपालक निदेशक श्री के.वी.ब्रह्माजी राव जी नें की तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में बैंक के कार्यपालक निदेशक श्री संजीव शरण जी उपस्थित रहे। समारोह का शुभारम्भ करते हुए श्री जी.एस.गंढोक, महाप्रबंधक ने अध्‍यक्ष एवं अतिथियों का स्‍वागत किया। अपने संबोधन में श्री के.वी.ब्रह्माजी राव, कार्यपालक निदेशक ने कहा कि बैंकिंग कार्यों में हिंदी का प्रयोग करना केवल संवैधानिक अपेक्षा ही नहीं व्‍यावसायिक आवश्‍यकता भी है, अपने संबोधन में श्री संजीव शरण नें सहर्ष सूचित किया कि आज ‘हिंदी दिवस’ के अवसर पर विज्ञान भवन, नई दिल्‍ली में भारत के माननीय राष्‍ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द के कर कमलों से उन्होंने बैंक को प्राप्त  प्रतिष्ठित ‘राजभाषा कीर्ति’ का ‘द्वितीय’ पुरस्‍कार ग्रहण किया। 

इस अवसर पर लाला लाजपत राय राजभाषा शील्ड योजना के अन्‍तर्गत वर्ष 201617 के दौरान राजभाषा कार्यान्‍वयन के क्षेत्र में उत्‍कृष्‍ट कार्य करने के लिए बैंक के विभिन्‍न कार्यालयों जैसे प्रधान कार्यालय के प्रभागों, अंचल कार्यालयों, प्रशिक्षण केन्द्रों, लेखापरीक्षा कार्यालयों, गृह पत्रिकाओं को पुरस्‍कृत किया गया। इसके अतिरिक्त, बैंक के अन्य स्टाफ सदस्यों को भी विभिन्‍न प्रकार की हिंदी विधाओं जैसे अंतर – बैंक निबन्ध लेखन, कहानी लेखन, कविता लेखन प्रतियोगिताओं के लिए पुरस्कार प्रदान किए गए। इस समारोह में बैंक के अन्य कार्यपालकगण, महाप्रबंधकगण एवं बैंक-कर्मी उपस्थित थे। राजभाषा समारोह का संचालन श्री प्रेमचंद शर्मा, सहायक महाप्रबन्धक एवं श्री नरेश कुमार खुराना, मुख्य प्रबन्धक ने किया। 

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में, एक ‘कवि सम्‍मेलन’ का भी आयोजन किया गया। श्री जी.एस.गंढोक, महाप्रबंधक ने आमंत्रित कवियों का स्वागत किया। कवि सम्मलेन की अध्‍यक्षता प्रसिद्ध कवि डॉ. कुँवर बेचैन ने की। श्री ओम निश्चल, श्री पवन दीक्षित, श्री लक्ष्मी शंकर वाजपेयी, श्री विजय किशोर मानव ने भी काव्‍य पाठ किया। कवि सम्‍मेलन का संचालन श्री प्रेमचंद शर्मा, सहायक महाप्रबंधक ने किया। राजभाषा समारोह के अंत में डॉ. राजेश यदुवंशी, अंचल प्रबन्धक(दिल्‍ली) ने धन्‍यवाद ज्ञापन किया।

Author: sarkarimirror