THIS 12th AUGUST NIGHT WILL BE LIKE DAY

नई दिल्ली: हाल के कुछ दिनों से इंटरनेट पर एक ऐसी खबर और मैसेज वायरल हो रहा है, जिसमें कहा गया है कि 12 अगस्त 2017 को दुनिया में रात में भी दिन की तरह उजाला होगा। पूरा अंतरिक्ष उजाले से भरा होगा। अमरीकी अंतरिक्ष ऐजेंसी नासा ने भी ये चमत्कार इतिहास में पहली बार होने का दावा किया है। वायरल मैसेज के साथ यह भी दावा किया जा रहा है कि यह घटना 96 साल बाद होने जा रही है। अब से 96 साल पहले ही इस इस तरह का नजारा देखने को मिला था। शोसल मीडिया माध्यमों में भी इस तरह की खबरों की बाढ़ आई हुई है, लेकिन क्या ये सच है?
96 साल बाद होगी ये अनोखी घटना
वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि 12 अगस्त 2017 को अंतरिक्ष में रात के समय भी दिन की तरह उजाला होगा। नासा ने भी इसकी पुष्टि की है। ये दिन मानव जाति के लिए बहुत ही अदभुत है। 12 अगस्त की रात को ये उजाला देखने का मौका न छोड़ें। इसी से जुड़े एक अन्य वायरल मैसेज के मुताबिक 96 साल में पहली बार 12 अगस्त को रात नहीं होगी। 24 घंटे दिन की तरह पूरा उजाला होगा।
नासा ने किया ये खुलासा
अभी नासा ने इस बात की पुष्टि की है कि 12 अगस्त की रात को उल्कापात (मेट्योर शावर) गिरने वाला है। जिसके चलते रात में थोड़ा उजाला तो दिखेगा। लेकिन ये अब तक के इतिहास का सबसे ज्यादा उजाले वाला उल्कापात नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि हर साल तीन बड़े मेट्योर शावर्स होते हैं। इनमें से पहला शावर जनवरी में, दूसरा शावर परसिड अगस्त में और आखिरी शावर जेमिनिड्स दिसंबर के महीने में देखा जाता है।
घटना के पीछे है खगोलीय कारण
उल्काओं का पृथ्वी के आकर्षण में उसके वातावरण से टकराकर भस्म हो जाना सामान्य खगोलीय घटना है। आसमान में 80 से 90 किमी की ऊंचाई पर ऐसी घटनाएं अमूमन रोज ही होती है। परंतु वर्ष में चंद रोज ऐसे भी आते हैं, जब यह घटना बड़ा रूप धारण कर लेती है। तब भारी संख्या में जलती उल्काएं आतिशबाजी के समान नजर आती हैं।
ये कहते हैं खगोल विज्ञानी
भारतीय तारा भौतिकी संस्थान बंगलुरु के वरिष्ठ खगोल वैज्ञानिक प्रो आरसी कपूर के अनुसार इस बार 12 अगस्त की रात इस तरह का संयोग बनने जा रहा है। जिसमें प्रति घंटा 100 से 200 तक उल्काएं पृथ्वी के वातावरण से टकराने जा रही हैं। परंतु चंद्रमा की रोशनी अत्यधिक होने के कारण इन्हें 50 से 60 प्रति घंटा की संख्या में ही देखे जाने का अनुमान है। reported patrika.com

 

Courtesy: patrika.com

 

 

Author: sarkarimirror